नई दिल्ली: मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उसे अपने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन हटाने के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा।
यह विवाद संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4(2) को लेकर है, जो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संदेशों के स्रोत का खुलासा करने का निर्देश देता है।
विवाद के मुख्य बिंदु:
- एन्क्रिप्शन बनाम सुरक्षा: व्हाट्सएप का तर्क है कि एन्क्रिप्शन उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। वे कहते हैं कि अगर वे एन्क्रिप्शन हटाते हैं, तो यह उनके प्लेटफॉर्म को कम सुरक्षित बना देगा और उपयोगकर्ताओं का डेटा सरकार और हैकर्स के लिए असुरक्षित हो जाएगा।
- कानून प्रवर्तन बनाम गोपनीयता: दूसरी ओर, सरकार का तर्क है कि एन्क्रिप्शन अपराधियों और आतंकवादियों को अपनी गतिविधियों को छिपाने में मदद करता है। वे कहते हैं कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपराधों की जांच करना मुश्किल हो जाता है यदि उनके पास संदेशों तक पहुंच नहीं है।
- नियमों का पालन: व्हाट्सएप का यह भी कहना है कि वे पहले से ही भारत में कानूनों का पालन करते हैं और कानूनी अनुरोधों पर सरकार को डेटा प्रदान करते हैं। हालांकि, वे कानून के उस प्रावधान का विरोध करते हैं जो उन्हें संदेशों के स्रोत का खुलासा करने के लिए बाध्य करता है, क्योंकि उनका कहना है कि यह तकनीकी रूप से संभव नहीं है और उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेगा।
आगे क्या होगा:
यह मामला अभी दिल्ली हाई कोर्ट में है। कोर्ट का फैसला व्हाट्सएप और भारत में इंटरनेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।