दोस्तों, एक बार फिर से पटरी पर लौट रही है उम्मीदों की गाड़ी… जी हां, हम बात कर रहे हैं बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की। देश की इस ‘मेड इन इंडिया’ शान को अब फिर से 16 डिब्बों के साथ दौड़ाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
मुंबई डिवीजन से बिलासपुर भेजे गए हैं तीन कोच, और सूत्रों की मानें तो चार में खराबी है। अजीब बात है – तीन भेजे, चार खराब निकले! मगर चलिए, गिनती छोड़िए… मरम्मत बिलासपुर में होगी, और जून से यह ट्रेन फिर अपने पूरे तेज के साथ सरपट दौड़ेगी।
अब बात करते हैं उन 1128 लोगों की, जो सफर करेंगे इस नए रूप में। अभी तक तो बस आधी ट्रेन चल रही थी – 8 कोच, 564 सीटें। टिकट चाहिए, लेकिन जगह नहीं… अब रेलवे ने तय किया है – जनता को इंतज़ार नहीं करवाया जाएगा।
2022 में बड़ी उम्मीदों से चली ये ट्रेन, शुरुआती जोश के बाद सुस्त पड़ी… कोरोना ने जैसे इस ट्रेन के सपनों पर ब्रेक लगा दिया। अप्रैल 2023 में आधे डिब्बे कट गए – आधी ट्रेन, आधे यात्री।
लेकिन अब… टिकटों की डिमांड बढ़ रही है, और रेलवे ने भी नींद से उठकर फैसला लिया है – वंदे भारत को फिर बनाना है जनता की पसंद।
अब बात करते हैं सुविधाओं की – स्मार्ट टॉयलेट, सीसीटीवी, फायर सेफ्टी, ऑटोमेटिक डोर, ग्लास विंडो, एसी और वो सब कुछ जो दिल्ली-मुंबई जैसी ट्रेनों में मिलता है। मतलब सफर भी हाईटेक और टाइम की भी बचत।
तो भाइयों और बहनों, जून से वंदे भारत न सिर्फ पटरी पर लौटेगी, बल्कि रफ्तार, सुविधा और सीट – तीनों में आगे निकलेगी।
रेलवे अब भी सपनों को स्पीड देने की कोशिश कर रहा है। देखते हैं – कितनी दूर तक दौड़ पाती है ये उम्मीद।