छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक प्रेम प्रसंग ऐसा मोड़ ले गया जिसने न्याय, नैतिकता और नई पीढ़ी की सोच — तीनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
शुरुआत प्यार से, अंत अपराध और मौत पर
देवनगर का संदीप पाड़े (22) मोहल्ले की एक 21 वर्षीय लड़की से प्रेम करता था।
कुछ महीनों में बनी दोस्ती, बढ़ते भरोसे और फिर— टुटता संबंध।
लेकिन इस कहानी का सबसे खतरनाक पहलू था:
संदीप ने प्रेमिका का न्यूड वीडियो बना लिया, और बाद में उसे इंस्टाग्राम पर शेयर कर दिया।
यह प्रेम नहीं, पज़ेशन और प्रतिशोध की मानसिकता का परिणाम था।
“एक बार बात करा दो नहीं तो मर जाऊंगा” — लेकिन बात नहीं हुई
पुलिस को संदीप ने आखिरी बार यही कहा।
“मेरी गर्लफ्रेंड से एक बार बात करा दो…”
युवती ने बात करने से मना कर दिया — और कुछ ही देर बाद संदीप ने पेड़ से लटककर जान दे दी।
अब सोचिए —
एक लड़का जिसे पुलिस भी गंभीरता से नहीं लेती,
एक लड़की जिसे अपनी निजता और गरिमा के लिए थाने जाना पड़ता है,
और एक सिस्टम जो ऐसे मामलों में देर और अंदेशा करता है।
ये घटना एक नहीं, संकेत है कई बड़ी समस्याओं का
1. डिजिटल सहमति का अभाव:
प्यार में वीडियो बनाना आम होता जा रहा है — लेकिन ‘सहमति’ का मतलब क्या होता है, ये युवाओं को ठीक से कोई नहीं सिखा रहा।
2. भावनात्मक अपरिपक्वता:
संदेह और असुरक्षा से उपजा क्रोध, कभी वायरल वीडियो बनता है, कभी आत्महत्या का बहाना।
3. प्रशासनिक चूक:
जब संदीप ने खुदकुशी की धमकी दी — क्या पुलिस को मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था?
4. लड़की की हिम्मत:
एक तरफ उसका वीडियो वायरल हुआ, दूसरी तरफ उसने FIR दर्ज करवाई —
किसी भी दबाव में झुकी नहीं। ये साहस भी खबर का हिस्सा होना चाहिए।
समाज को क्या समझना चाहिए?
- प्यार की आड़ में किसी की निजता पर हमला ‘क्राइम’ है, रोमांस नहीं।
- रिश्ते खत्म हो सकते हैं, लेकिन बदला लेकर सम्मान लूटा नहीं जा सकता।
- अगर कोई आत्महत्या की धमकी देता है, तो उसे ‘ड्रामा’ न समझें — उसकी मदद करें।
अंत में…
संदीप की मौत से पहले जो हुआ — वह एक साइबर अपराध था।
मौत के बाद जो हुआ — वह भावनात्मक अवसाद और सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है।
यह एक प्रेम कहानी नहीं, एक समाजशास्त्रीय चेतावनी है।