बिहार सरकार शिक्षा विभाग के माध्यम से राज्य के 70 हज़ार से अधिक सरकारी स्कूलों के नाम बदलने की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया इसी सत्र में लोकसभा चुनाव के बाद शुरू कर दी जाएगी।
नाम बदलने के पीछे की वजह:
- लंबे नामों की वजह से ई-शिक्षा कोष और यू-डायस पोर्टल में स्कूलों के नाम दर्ज करने में परेशानी होती है।
- सरकार का मानना है कि नए नामों से स्कूलों की पहचान आसान होगी और डिजिटल रिकॉर्ड में भी कोई दिक्कत नहीं होगी।
कौन से स्कूलों के नाम बदले जाएंगे:
- इस योजना में राज्य के सभी नवसृजित प्राथमिक विद्यालय और उत्क्रमित मध्य विद्यालय शामिल हैं।
- विभाग ने सभी जिलों से इन स्कूलों की जानकारी इकट्ठा कर ली है।
नए नाम कैसे रखे जाएंगे:
- नए नाम देश और बिहार के महापुरुषों के नाम पर रखे जाएंगे।
- शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को महापुरुषों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
किस जिले में कितने स्कूलों के नाम बदले जाएंगे:
- सुपौल: 949
- लखीसराय: 502
- भागलपुर: 546
- मुंगेर: 90
- अररिया: 260
- बांका: 75
- मधेपुरा: 219
अगले चरण:
- सूची तैयार होने के बाद, विभाग महापुरुषों के नामों पर स्कूलों का नामकरण करेगा।
- इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक तय समयसीमा भी निर्धारित की जाएगी।
यह बदलाव बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा किए गए कई सुधारों का एक हिस्सा है। इन सुधारों का उद्देश्य राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है।