टेस्ला ने गीगाफैक्ट्री बर्लिन में भारत के लिए राइट-हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। कंपनी इस साल के अंत तक देश में कार ला सकती है। इससे पहले ब्रिटेन की फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया था कि टेस्ला इस महीने भारत में एक टीम भेजेगी, जो देश में इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए जगह की तलाश करेगी। महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में ध्यान दे सकती है मस्क की टीम।
टेस्ला ने भारत में राइट-हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू किया
- टेस्ला ने भारत में राइट-हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू किया है।
- इस साल के अंत तक देश में कार लाने की योजना है।
- नई ईवी पॉलिसी के बाद टेस्ला की भारत में एंट्री की घोषणा की गई है।
टेस्ला विस्तार:
सरकार ने नई ईवी पॉलिसी को मंजूरी दी है, जिसमें कंपनियों को कम से कम ₹4150 करोड़ निवेश का प्रावधान है। पॉलिसी के अनुसार, विदेशी कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भारत में बिजनेस शुरू करने के तीन साल के अंदर देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कॉमर्सियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार के साथ बैटरी स्टोरेज सिस्टम भी बनाना और बेचना चाहती है। पिछले साल नवंबर में कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कैलिफोर्निया में टेस्ला की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी विजिट की थी।
पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूयॉर्क में टेस्ला के CEO एलन मस्क ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद मस्क ने कहा था- भारत में दुनिया के किसी भी बड़े देश की तुलना में अधिक संभावनाएं हैं।