पाली, 17 अप्रैल: सोमवार देर रात पाली से लगे दमिया जंगल में अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि लपटें आसपास के इलाकों से भी दिखाई दे रही थीं। दुर्भाग्य से, वन विभाग के अधिकारी इस घटना के प्रति सचेत नहीं थे और आग तेजी से फैलती रही।
जंगल और वन्यजीवों को नुकसान:
इस आग ने मुनगाडीह बीट वन क्षेत्र और आसपास के जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे हजारों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो गई। राहगीरों का कहना है कि आग की वजह से जंगल में रहने वाले वन्यजीव, छोटे पौधे और जानवरों के आशियाने जल गए हैं। भयभीत जानवर आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं।
ग्रामीणों पर प्रभाव:
आग का धुंआ आसपास के गांवों तक पहुंच गया है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश और एलर्जी जैसी समस्याएं हो रही हैं। धुंध के कारण दृश्यता कम हो गई है और लोगों की आंखों में जलन और आंखों में जलन हो रही है।
वन विभाग की प्रतिक्रिया:
वन विभाग के अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए तुरंत दमकल की गाड़ियों को मौके पर भेजा। हालांकि, आग पर पूरी तरह से काबू पाने में कई घंटे लग गए। वन विभाग इस घटना की जांच कर रहा है और आग लगने के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
यह घटना वन विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, जिसके कारण इतनी बड़ी क्षति हुई। यह भी चिंता का विषय है कि जंगल में लगी आग से प्रदूषण बढ़ रहा है, जो इंसानों और जानवरों दोनों के लिए हानिकारक है।
स्थानीय लोगों का कहना है:
- “इस जंगल में अक्सर आग लगती है, लेकिन इस बार यह बहुत भयानक थी।”
- “वन विभाग को इन आगों को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।”
- “हमें डर है कि यह धुंआ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा।”
यह घटना वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है। इसलिए, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ऐसे कारगर इंतज़ाम करने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।