कोरबा में बढ़ती गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग बढ़कर 5700 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है। ऐसे माहौल में राज्य विद्युत कंपनी के संयंत्रों में तकनीकी खराबी के कारण एक के बाद एक संयंत्रों का परिचालन बंद हो रहा है और प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली प्रदान करने सेंट्रल सेक्टर से बिजली लेनी पड़ रही है।
विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्रों का परिचालन गर्मी की वजह से दिक्कत आ रही है। प्रबंधन को कम लोड पर संयंत्र का परिचालन करना पड़ रहा है, लेकिन ट्यूब लीकेज और अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है।
हाल ही में कोरबा पश्चिम विस्तार परियोजना के एक संयंत्र में ट्यूब लीकेज हो गया और गुरूवार को जांजगीर-चांपा जिले के अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र की दो नंबर इकाइयों में भी ट्यूब लीकेज की समस्या उत्पन्न हुई।
वर्तमान में उक्त संयंत्रों में सुधार कार्य जारी है और प्रबंधन की कोशिश है कि जल्द ही इन्हें परिचालन में लाया जाए, ताकि बिजली की कमी न हो। वर्तमान में बांगो बांध से पानी छोड़ने की वजह से जल विद्युत संयंत्र से भी बिजली उत्पन्न की जा रही है। इस तरह, राज्य में लगभग 2100 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है, जबकि बिजली की मांग 5700 मेगावाट के करीब है।