एम्स रायपुर में मरीजों के इलाज में एआई का उपयोग होगा

रायपुर: राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में डॉक्टरों को गंभीर रूप से बीमार मरीजों की विभिन्न रिपोर्ट का निष्कर्ष और इलाज प्रोटोकॉल अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से उपलब्ध होगा।

एम्स के लिए आईआईटी भिलाई हाइब्रिड डिजिटल हेल्थ केयर टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म स्मार्ट-ईआर विकसित कर रहा है। इसका पहला चरण ट्रामा एवं इमरजेंसी में सफल रहा तो एम्स के सभी विभागों में लागू किया जाएगा।

यह प्लेटफार्म क्लीनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के रूप में कार्य करेगा। अंतिम निर्णय चिकित्सकों द्वारा लिया जाएगा। आईआईटी और एम्स के विशेषज्ञ इस दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।

एक बार पूरी तरह विकसित हो जाने के बाद इसकी सहायता से दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और वीडियो कांफ्रेंसिंग की मदद से रोगियों को त्वरित इलाज प्रदान किया जा सकेगा।

परियोजना समन्वयक डा. देवेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यदि कोई रोगी छाती में दर्द की शिकायत लेकर आता है तो उसके लक्षणों और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पता चल सकेगा कि रोगी को हृदयघात हुआ है या मायोकार्डियल इंफेक्शन से ग्रस्त है। इस आधार पर तुरंत ही इलाज प्रदान किया जा सकेगा।

आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश और डीन (रिसर्च) प्रो. संतोष विश्वास ने एम्स के चिकित्सकों के समक्ष स्मार्ट-ईआर के प्रमुख बिंदुओं को प्रस्तुत किया। इसके अंतर्गत ट्रामा-इमरजेंसी में आने वाले अति गंभीर रोगियों की विभिन्न रिपोर्ट्स जैसे ईसीजी, एसपीओटू, हृदय गति, शरीर का तापमान आदि महत्वपूर्ण पैरामीटर को एआइ की मदद से परखा जाएगा। यह प्लेटफार्म कुछ ही सेकंड्स में रोगी का संपूर्ण डायग्नोसिस करके इलाज प्रोटोकॉल और इलाज के विभिन्न माध्यम का सुझाव देगा। इस डेटा के आधार पर चिकित्सकों को निर्णय लेने में आसानी हो सकेगी।

एम्स के कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने कहा कि आइआइटी भिलाई की ओर से विकसित हाइब्रिड डिजिटल हेल्थ केयर टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म स्मार्ट-ईआर मरीजों के इलाज में काफी सहायक होगा। इस माध्यम के विधिक पहलुओं और चिकित्सकों की भूमिका को स्पष्ट करने का सुझाव दिया गया है।

यह प्रणाली मरीजों के लिए कई फायदे लाएगी:

  • त्वरित और सटीक निदान: एआई रोगी के लक्षणों और जांच रिपोर्टों का विश्लेषण करके कुछ ही सेकंड में निदान कर सकता है।
  • बेहतर उपचार: एआई उपचार के लिए विभिन्न विकल्पों का सुझाव दे सकता है, जो चिकित्सकों को रोगी के लिए सबसे उपयुक्त उपचार योजना बनाने में मदद करेगा।
  • बेहतर रोगी देखभाल: एआई चिकित्सकों को रोगी की निगरानी करने और उनकी प्रगति पर नज़र रखने में मदद कर सकता है।
  • दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा: एआई टेलीमेडिसिन और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

यह प्रणाली अभी भी विकास के अधीन है, लेकिन यह मरीजों की देखभाल में क्रांति लाने की क्षमता रखती है।