छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: आवारा कुत्तों के काटने पर मुआवजे का अधिकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि के बीच, बिलासपुर हाईकोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के महत्वपूर्ण फैसले का आदेश दिया है। इस फैसले के माध्यम से, अदालत ने राज्य सरकार की जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया है, जिससे आम जनता में एक नई उम्मीद की किरण जगी है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: आवारा कुत्तों के काटने पर मुआवजे का अधिकार
  • मुख्य बिंदु:
  • बिलासपुर हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों के काटने से मौत पर पीड़ित परिवारों को 6.5 लाख से 10 लाख रुपए तक का मुआवजा देने का आदेश दिया।
  • अदालत ने राज्य सरकार को आवारा कुत्तों के काटने के गंभीर परिणामों के बारे में लोगों को शिक्षित करने और एंटी रेबीज टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए निर्देशित किया।
  • नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों, और नगर पंचायतों को हाईकोर्ट के आदेश के पालन के लिए निर्देश जारी किए।

सारांश (हिंदी में):

छत्तीसगढ़ में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने पीड़ितों के परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया। इस आदेश के माध्यम से, अदालत ने न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया बल्कि राज्य सरकार की जिम्मेदारियों को भी उजागर किया। इस फैसले से अब आवारा कुत्तों के कारण होने वाली घटनाओं के प्रति जागरूकता और तत्परता में वृद्धि होने की उम्मी