आज हम बात करेंगे उस शहर की, जहां रातें लंबी हैं और सन्नाटा नहीं, शोर होता है। जहां बार के बाहर सिर्फ शराब नहीं, बल्कि मारपीट भी परोसी जाती है।

बिलासपुर के बार में शनिवार रात हुई फुल ऑन फाइट, बीच सड़क बना अखाड़ा
बिलासपुर के बार में शनिवार रात हुई फुल ऑन फाइट, बीच सड़क बना अखाड़ा

बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में शनिवार की रात कुछ यूं गुजरी जैसे शहर में कानून नींद ले रहा हो। टेलीफोन रोड स्थित हैवंस पार्क बार के सामने कुछ युवकों ने ऐसा उत्पात मचाया कि सड़क चौराहे पर अखाड़ा बन गई।

युवकों ने पहले तो बार के भीतर जाम से जंग शुरू की, फिर जब विवाद बढ़ा, तो बाउंसरों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन मामला वहीं खत्म नहीं हुआ। बाहर सड़क पर मानो कोई युद्ध शुरू हो गया—हाथापाई, चीख-पुकार, और गालियों की गूंज देर रात के सन्नाटे को चीरती रही।

पुलिस को खबर दी गई। वे आए भी। लेकिन जैसे ही पुलिस पहुंची, वैसे ही युवक ऐसे गायब हो गए जैसे सिस्टम से जवाबदेही।

हैरानी की बात यह है कि इस बवाल की कोई शिकायत थाने में नहीं दर्ज कराई गई। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ हो। इसी जगह पर अक्सर देर रात तक बार खुले रहते हैं, और आए दिन विवाद की खबरें आती रहती हैं। लेकिन फिर भी—कोई जांच नहीं, कोई कार्रवाई नहीं।

शहर में देर रात तक खुलते ये बार अब मनोरंजन के केंद्र नहीं, असुरक्षा और अराजकता के प्रतीक बनते जा रहे हैं। शराब ब्लैक में बेची जा रही है, युवा झुंड में लड़ रहे हैं, और पुलिस—मूक दर्शक बनी खड़ी है।

तो सवाल यह है कि…

  • देर रात तक चल रहे इन बारों पर कार्रवाई कब होगी?
  • क्या हर बवाल के बाद पुलिस ऐसे ही मौके पर पहुंचेगी, जब सब भाग चुके होंगे?
  • और सबसे अहम—क्या शहर की रातें सुरक्षित हैं?