प्रस्तावना: केंद्र सरकार ने देश में न्यूनतम वेतन की व्यवस्था में बदलाव का प्लान बनाया है। अगले साल से देश में जीवनयापन वेतन की व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह प्रस्ताव अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की सहायता से तैयार किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- लिविंग वेज उस न्यूनतम आय को दर्शाता है जिससे कोई व्यक्ति अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकता है।
- इसमें आवास, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कपड़ें शामिल हैं।
- न्यूनतम वेतन के स्तर पर कोई संशोधन 2017 से नहीं किया गया है।
- अधिकांश वर्कर्स असंगठित क्षेत्र में हैं और उन्हें कम से कम 176 रुपये या उससे अधिक मजदूरी मिलती है।
- राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन में कोई संशोधन नहीं किया गया है और यह राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं है।
सारांश: केंद्र सरकार की नई योजना के अनुसार, देश में जीवनयापन वेतन की व्यवस्था की जा रही है, जिससे व्यक्ति अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सके। यह नई पहल वर्कर्स के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है।