रायपुर, 29 मार्च: चुनावी मौसम में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान 19 अप्रैल से 1 जून तक एग्जिट पोल पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य मतदान की निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है।
मुख्य बिंदु:
- प्रतिबंध की अवधि: 19 अप्रैल की सुबह 7 बजे से 1 जून की शाम 6:30 बजे तक।
- कानूनी आधार: निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के अनुसार यह प्रतिबंध लगाया है।
- मीडिया पर प्रभाव: इस अवधि के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों पर एग्जिट पोल के आयोजन और प्रसारण पर प्रतिबंध रहेगा।
- ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध: चुनाव से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार के ओपिनियन पोल या मतदान सर्वेक्षण के परिणामों के प्रसारण पर भी रोक रहेगी।
सारांश:
निर्वाचन आयोग का यह कदम चुनावी प्रक्रिया की शुचिता और निष्पक्षता को बरकरार रखने के लिए उठाया गया है। एग्जिट पोल पर लगाए गए इस प्रतिबंध से उम्मीद है कि मतदाताओं पर किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह या प्रभाव को रोका जा सकेगा, जिससे वे अपनी स्वतंत्र इच्छानुसार मतदान कर सकें। इसके अलावा, चुनाव के परिणामों पर एग्जिट पोल के प्रभाव को कम करने का प्रयास भी इस निर्णय के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है। निर्वाचन आयोग ने सभी संबंधित पक्षों से इस प्रतिबंध का सख्ती से पालन करने की अपेक्षा की है।