प्यार में अंधी मां: कोरबा में महिला ने पति-बच्चों को छोड़ा, प्रेमी संग जाने से पहले दी ‘नीले ड्रम’ जैसी धमकी

आज की जो कहानी मैं आपके सामने लाया हूँ, वो सिर्फ एक घरेलू विवाद नहीं है, बल्कि हमारे समाज की बदलती मानसिकता, रिश्तों की अस्थिरता और डिजिटल युग के रिश्तों की असलियत को दिखाती है।


🔍 क्या है मामला?

  • जगह: कोरबा, छत्तीसगढ़
  • पात्र:
    • संजय जांगड़े (26) – SECL में ड्राइवर
    • रुखसाना बानो (24) – पत्नी, दो बच्चों की माँ
    • सूरज महतो – कथित प्रेमी, मूल रूप से बिहार का, कोरबा में काम करता है

🧩 कहानी की टाइमलाइन:

  1. 2017: लव मैरिज, सब कुछ ठीक—दो बच्चों के माता-पिता बने
  2. 2023-24: पत्नी का व्यवहार बदलता है, शक गहराता है
  3. कॉल डिटेल चेक: सूरज नामक युवक के साथ लगातार बातचीत का खुलासा
  4. सामना: जब पति ने विरोध किया तो पत्नी ने धमकी दी—“मुझे रोका तो तेरा हश्र ‘नीले ड्रम’ जैसा होगा”
  5. अप्रैल 2025: पत्नी घर छोड़कर प्रेमी के पास चली गई
  6. 6 जून: महिला खुद थाने पहुँची और पति-बच्चों को छोड़ने का लिखित फ़ैसला सुनाया

⚠️ “नीले ड्रम” की धमकी—क्या है इसका संदर्भ?

उत्तर प्रदेश में मेरठ की ‘नीला ड्रम केस’ 2024 की सबसे सनसनीखेज हत्या थी, जिसमें एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की थी और शव को नीले प्लास्टिक के ड्रम में छिपाया गया था।
👉 और रुखसाना ने यही उदाहरण देकर पति को डराया!


😢 दो मासूम, बिना माँ के…

  • एक 6 साल का बेटा और एक 4 साल की बेटी
  • मां के जाने से दोनों बच्चे मानसिक रूप से टूट चुके हैं
  • पिता संजय का बयान मीडिया में वायरल—
    “लव मैरिज मत करना… मेरे जैसे मत बनो”

🎯 क्या कहता है ये पूरा मामला?

मुद्दावास्तविकता
प्यारअब डिजिटल कॉन्टैक्ट से शुरू और खत्म हो रहा है
रिश्तेएकतरफा त्याग पर टिके रिश्ते अब खतरे में हैं
महिलाएंअब रिश्तों में खुद फैसले लेने लगी हैं—अच्छा या बुरा, लेकिन निर्णय उनका है
सिस्टमपुलिस, कानून और समाज—मूक दर्शक

🔎 समाज के लिए 3 सख़्त सवाल:

  1. क्या सोशल मीडिया की कनेक्टिविटी ने रिश्तों को कमजोर बना दिया है?
  2. क्या मानसिक हेल्थ, काउंसलिंग और फैमिली इंटरवेंशन जैसे उपाय भारत में आज भी नज़रअंदाज़ हो रहे हैं?
  3. क्या हमें अब रिश्तों को कानूनी दस्तावेज़ से ज़्यादा मानसिक और भावनात्मक रूप से सुरक्षित बनाने की ज़रूरत है?

🚨 निष्कर्ष:

ये सिर्फ एक खबर नहीं है, ये हमारे समाज की उस हकीकत को उजागर करता है जिसे हम नज़रअंदाज़ करते हैं—रिश्तों का असंतुलन, भावनात्मक हिंसा, और बच्चों की अनदेखी।

👉 क्या ये मामला समाज को रिश्तों पर फिर से सोचने के लिए मजबूर करेगा?


अगर आप भी इस पर अपनी राय रखना चाहते हैं, तो कमेंट करें:
“क्या आपने भी रिश्तों में इस तरह की असुरक्षा या टूटन देखी है?”

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