बिलासपुर, छत्तीसगढ़ | 27 मई 2025 — छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला को पोर्न वीडियो देखने के झूठे आरोप में डराया-धमकाया गया और ₹8.45 लाख रुपए ठग लिए गए। यह मामला न केवल साइबर क्राइम की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आज भी डिजिटल जागरूकता की कितनी कमी है।

Bilaspur Sextortion Case: महिला से पोर्न केस का डर दिखाकर साइबर ठगों ने ठगे ₹8.45 लाख, खुद को बताया क्राइम ब्रांच अफसर
Bilaspur Sextortion Case: महिला से पोर्न केस का डर दिखाकर साइबर ठगों ने ठगे ₹8.45 लाख, खुद को बताया क्राइम ब्रांच अफसर

कैसे हुई शुरुआत?

बिलासपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाली महिला को एक सप्ताह पहले एक अनजान नंबर से कॉल आया।
फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और महिला पर आरोप लगाया कि वह बच्चों की पोर्न वीडियो देख रही है, और उसके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है।

यह आरोप सुनकर महिला हैरान और दहशत में आ गई। डर के मारे उसने किसी से भी बात नहीं की और ठगों की बातों में आ गई।


“अगर किसी को बताया, तो घर में छापा पड़ेगा”

कथित अफसरों ने महिला को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया, तो क्राइम ब्रांच की टीम घर में रेड डालेगी, और उसे जेल जाना पड़ सकता है।

महिला को कहा गया कि “जांच में सहयोग नहीं किया, तो डिजिटल अरेस्ट कर लेंगे।”
इस डर ने महिला को इस कदर घेर लिया कि उसने परिवार को भी नहीं बताया और धीरे-धीरे अलग-अलग किश्तों में ₹8,45,000 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।


CSP का बयान: साइबर ठगों की गैंग एक्टिव

बिलासपुर के CSP निमितेश सिंह ने बताया कि महिला ने बाद में सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
प्राथमिक जांच में साफ हुआ कि यह एक सोच-समझकर की गई साइबर ठगी की वारदात है, जिसमें ठग खुद को अफसर बताकर ‘सेक्सटॉर्शन’ का नया रूप अपना रहे हैं।


क्या है ‘Sex-Tortion’?

सेक्सटॉर्शन यानी सेक्स + एक्सटॉर्शन — यह एक नया साइबर क्राइम ट्रेंड है, जिसमें किसी को सेक्स या पोर्न से जुड़ी झूठी/सच्ची बातों का डर दिखाकर पैसे की उगाही की जाती है।

यह केस दिखाता है कि शोषण अब सिर्फ सड़कों पर नहीं, स्क्रीन पर भी हो रहा है।


महत्वपूर्ण चेतावनी: खुद को ऐसे मामलों से बचाएं

  • कोई भी अनजान कॉल आए और वह खुद को अधिकारी बताए, तो पहले पहचान की पुष्टि करें।
  • पुलिस या क्राइम ब्रांच कभी भी फोन पर पैसे ट्रांसफर नहीं कराती।
  • डर के कारण तुरंत प्रतिक्रिया न दें, परिवार या नजदीकी लोगों को बताएं।
  • साइबर सेल या नजदीकी थाने में तुरंत शिकायत करें।

निष्कर्ष: डर की राजनीति अब डिजिटल हो गई है

यह घटना हमें एक गहरी सीख देती है –
डिजिटल अपराध अब केवल डेटा हैक तक सीमित नहीं रहे। यह हमारी मानसिक स्थिति, सामाजिक डर और निजता को भी निशाना बना रहे हैं।

सरकार और पुलिस को जहां साइबर क्राइम सेल को और मज़बूत करने की ज़रूरत है, वहीं समाज को डिजिटल साक्षरता और साहसिक संवाद की जरूरत है।


अगर आप भी किसी ऐसे मामले का शिकार हुए हैं, तो तुरंत 1930 या स्थानीय साइबर सेल पर संपर्क करें।