रायपुर: प्रदेश में जमीन खरीदारों के लिए एक बड़ी खबर है। जमीन रजिस्ट्री में मिलने वाली 30% की छूट अब समाप्त हो गई है, जिससे जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा। इस छूट का लाभ लोगों को 31 मार्च 2024 तक ही मिल सका था, और अब से इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। पांच साल पहले शुरू की गई इस योजना के अंत के साथ, खरीदारों को अब 100% पंजीयन शुल्क देना होगा।
- गाइडलाइन दरों में वृद्धि: छूट समाप्त होने के बाद, यदि किसी जमीन की सरकारी गाइडलाइन दर 700 रुपये थी, तो अब यह 910 रुपये हो जाएगी।
- 2019 की दरें अभी भी लागू: 2019 की गाइडलाइन दरें 31 मार्च 2024 तक लागू रहेंगी।
- प्रस्ताव और सुझाव: मार्च के दूसरे हफ्ते में, प्रदेश के ज्यादातर जिलों ने गाइडलाइन दरों को कम न करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। उनका कहना है कि गाइडलाइन दरें कम होने की वजह से सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है, और इस साल के लिए भी कीमतें नहीं बढ़ानी चाहिए।
सारांश:
जमीन खरीदारों के लिए यह खबर एक बड़े आर्थिक परिवर्तन का संकेत है। जमीन रजिस्ट्री में मिलने वाली 30% की छूट के समाप्त होने के साथ, खरीदारों को अब अधिक पंजीयन शुल्क देना पड़ेगा, जिससे उनके आर्थिक बोझ में वृद्धि होगी। इसके अलावा, गाइडलाइन दरों में भी वृद्धि होगी, जिससे जमीन की कुल लागत में और इजाफा होगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से जमीन खरीदने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा, जिसका प्रभाव खरीदारों और संबंधित स्टेकहोल्डर्स पर पड़ेगा।