बस्तर, छत्तीसगढ़ की राजनीतिक बग़ावत का केंद्र
बस्तर, छत्तीसगढ़ की सीट ने लोकसभा चुनावों में हमेशा ही राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखा है। यहाँ की 11 लोकसभा सीटों में से एक, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है। 1952 में इस सीट पर अस्तित्व में आई थी और मौजूदा सांसद दीपक बैज ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। इस बार, बीजेपी ने महेश कश्यप को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने कवासी लखमा को टिकट दिया है। पहले चरण में 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव की तैयारियाँ पूरी हो गई हैं।
बस्तर: आदिवासी बहुत इलाका
बस्तर छत्तीसगढ़ का एक नक्सल प्रभावित जिला है, जो आदिवासी बहुत इलाका है। यहाँ की आबादी का करीब 70 फीसदी हिस्सा आदिवासी है, जो आज भी घने जंगलों में रहते हैं। इस इलाके में कई बड़े और छोटे गाँव हैं, जो अपनी संस्कृति, कला, और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के जल प्रपात और ऊँची पहाड़ियाँ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
1998 से 2014 तक बीजेपी का कब्जा
बस्तर सीट पर परंपरागत तौर पर कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन 1998 से 2014 तक लगातार 6 लोकसभा चुनावों में इसे बीजेपी ने जीत दर्ज की है। बलिराम कश्यप ने यहाँ से लगातार चार बार संसदीय कुर्सी हासिल की थी।
कुल 8 विधानसभा की सीटें
बस्तर लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें आबादी का करीब 70 फीसदी आदिवासी है। पिछले चुनाव में यहाँ की वोटिंग का दर 70 फीसदी रहा था।
2019 के लोकसभा चुनाव: कांग्रेस का जीतने का इतिहास
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दीपक बैज ने बीजेपी के बैटूराम कश्यप को हराया था। दीपक बैज को कुल 4,02,527 वोट मिले थे जबकि बैटूराम कश्यप को 3,63,545 वोट मिले थे।