बिलासपुर। सात साल पहले 10 करोड़ रुपये की लागत से सिरगिट्टी में स्थापित रेल नीर पानी बोतल प्लांट अब बंद होने की तैयारी में है। यह प्लांट 1 दिसंबर से बंद हो सकता है। प्लांट का संचालन कर रही कोलकाता की ठेका कंपनी ने 15 दिन पहले भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर 30 नवंबर के बाद संचालन समाप्त करने की जानकारी दी है।
इस फैसले से उन यात्रियों को झटका लगेगा, जो ट्रेनों में साफ और सुरक्षित पानी के लिए रेल नीर पर निर्भर हैं। प्लांट बंद होने से लोकल और दूसरे ब्रांड की पानी कंपनियों को सीधा फायदा होगा, जिससे यात्रियों को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
प्रबंधन की विफलता?
रेल नीर की मांग बढ़ती जा रही है, इसके बावजूद सिरगिट्टी प्लांट बंद होने के कगार पर है। रेलवे प्रबंधन ने इस स्थिति से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई है। इस कदम को लेकर साजिश की आशंका जताई जा रही है, जिससे लोकल और दूसरे ब्रांड्स को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय कर्मचारियों और जनता के बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि आईआरसीटीसी के अधिकारी चुप क्यों हैं। प्लांट के बंद होने की स्पष्ट वजह नहीं बताई जा रही है।
कर्मचारियों के लिए संकट का समय
प्लांट में लगभग 100 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनका रोजगार इस बंदी से प्रभावित होगा। इनमें अफसर से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी शामिल हैं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह बंदी स्थायी होगी या अस्थायी। इससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है।
जल आपूर्ति की चुनौतियां
प्लांट के संचालन में पानी की आपूर्ति पहले से चुनौती रही है। गर्मियों में जलस्तर गिरने से उत्पादन प्रभावित होता था। 2022 में इस समस्या से निपटने के लिए दो अतिरिक्त बोरवेल करवाए गए थे, लेकिन ये प्रयास भी प्लांट को बचाने में पर्याप्त साबित नहीं हो रहे।
यात्रियों पर असर
रेल नीर यात्रियों को 15 रुपये में मिलता था, लेकिन इसके बंद होने के बाद उन्हें लोकल ब्रांड्स का पानी पीने पर मजबूर होना पड़ेगा। इन ब्रांड्स की कीमतें अधिक होती हैं और गुणवत्ता की गारंटी नहीं होती। इससे यात्रियों पर आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी असर पड़ सकता है।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक और अन्य अधिकारियों से जब प्लांट बंद होने की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बस यही कहा गया कि 30 नवंबर के बाद संचालन बंद हो जाएगा।
आगे की राह क्या?
प्लांट बंद होने से न केवल यात्रियों को समस्या होगी, बल्कि 100 कर्मचारियों के सामने भी रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा। प्रशासन और आईआरसीटीसी को इस मामले में जल्द निर्णय लेना चाहिए, ताकि एक महत्वपूर्ण सेवा को जारी रखा जा सके और कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रह सके।