छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मनरेगा (मनरेगा) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां पदस्थ रोजगार सहायक अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी हाजिरी भरकर मनरेगा की राशि निकाल रहे हैं।
कई मामलों की शिकायतें:
- कलेक्टर जनदर्शन, मनरेगा कार्यालय और लोकपाल तक कई शिकायतें पहुंची हैं।
- भंडारपारा ग्राम पंचायत से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
जांच जारी:
- मनरेगा लोकपाल मलखान सिंह ने कहा कि जांच जारी है और जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
फर्जीवाड़े के तरीके:
- सही निरीक्षण और मूल्यांकन नहीं होने से रोजगार सहायक विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर गड़बड़ी कर रहे हैं।
- फर्जी तरीके से मस्टररोल और फर्जी हाजिरी भरकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
- मनरेगा के कार्यों को ठेके के रूप में बांट दिया जा रहा है।
- ठेकेदार और रोजगार सहायक अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम से व्यक्तिगत जॉब बनवाकर राशि निकाल रहे हैं।
भंडारपारा में शिकायत:
- शिकायतकर्ता संदीप तिर्की ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायक ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर फर्जी हाजिरी भरकर राशि निकाली है।
अन्य पंचायतों में भी फर्जीवाड़ा:
- शंकरपुर, सलबा, और अमरपुर ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा के कार्यों में फर्जीवाड़ा चल रहा है।
गैर-निवासियों के जॉब कार्ड:
- भंडारपारा ग्राम पंचायत में मध्य प्रदेश और बैकुंठपुर नगर पालिका क्षेत्र के रहने वालों के नाम पर भी फर्जी जॉब कार्ड बनवाया गया है।
यह एक गंभीर मामला है और इसकी सख्ती से जांच होनी चाहिए।
यह भी महत्वपूर्ण है कि मनरेगा योजना में पारदर्शिता लाने के लिए कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।